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Tuesday 6 November 2012

BTC SBTC in Junior School


B. Ed / BTC/VBTC : जूनियर हाईस्कूलों में नहीं रहेगा विज्ञान-गणित के शिक्षकों का टोटा



संवाददाता, ग्रेटर नोएडा : बेसिक शिक्षा परिषद के जूनियर हाईस्कूलों में गणित और विज्ञान के शिक्षकों टोटा नहीं रहेगा। स्कूलों में अध्यापकों की बंपर नियुक्ति होने वाली है। शासन ने सात वर्ष से रुके अध्यापकों की पदोन्नति को हरी झंडी दे दी है। तकरीबन 1200 सहायक अध्यापकों की वरिष्ठता सूची जारी की गई है। इसके आधार पर शिक्षकों को प्रमोशन दिया जाएगा। गणित व विज्ञान के अध्यापकों को जूनियर हाईस्कूल में नियुक्ति को वरीयता प्रदान की जाएगी।

जनपद के बेसिक स्कूलों में रिक्तियों के आधार पर वरिष्ठता सूची में शामिल प्राइमरी स्कूल के अध्यापकों का प्रमोशन होना है। सहायक अध्यापक पदोन्नति के बाद प्राथमिक विद्यालय के हेड मास्टर और जूनियर हाईस्कूल (उच्च प्राथमिक विद्यालय) के सहायक अध्यापक पद पर नियुक्त किए जाएंगे। जिले के जूनियर हाईस्कूलों में शिक्षकों का टोटा है। करीब दौ सौ स्कूलों के सापेक्ष मात्र 52 अध्यापक ही हैं। इसमें गणित व विज्ञान पढ़ाने वाले मात्र एक दर्जन शिक्षक कार्यरत हैं। शेष विद्यालयों में पढ़ाई भगवान भरोसे ही है। शासन से मिली वरिष्ठता सूची में गणिव-विज्ञान के शिक्षकों की सूची तैयार की जा रही है। उनकी तैनाती जूनियर हाईस्कूलों में होगी, जबकि अन्य विषयों के अध्यापक प्राथमिक विद्यालय के हेडमास्टर बनेंगे।

बता दें कि जनपद के सहायक अध्यापकों की पिछले सात वर्षो से पदोन्नति लटकी हुई है। वर्ष 2004 से प्रमोशन का मामला उच्च न्यायालय के विचाराधीन था। उच्च न्यायालय ने विभागीय उच्चाधिकारियों को पदोन्नति के आदेश दिया था। इसके बाद बेसिक शिक्षा निदेशक ने जिले से शिक्षकों की सूची तलब की थी। अब शासन ने जिले को वरिष्ठता सूची सौंप कर पदोन्नति के निर्देश दिए हैं। बेसिक शिक्षा अधिकारी अरुण कुमार का कहना है कि सूची प्राप्त हो गई है। वरिष्ठता क्रम में अध्यापकों को प्रमोशन दिया जाएगा। उनकी तैनाती के लिए क्लक्ट्रेट सभागार में काउंसलिंग की जाएगी। इसकी तिथि जल्द ही घोषित कर दी जाएगी। दिवाली बार प्रक्रिया पूरी करने की उम्मीद है

New Education Policy


New National Education Policy


बीस साल बाद फिर बनेगी नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति

राजकेश्वर सिंह, नई दिल्ली

बीस साल बाद देश की शिक्षा नीति फिर बदलेगी। ‘नॉलेज इकोनॉमी’ में भारत को विश्व हब बनाने का सपना देख रही सरकार अब नई चुनौतियों के मद्देनजर नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति बनाएगी। सामाजिक, राजनीतिक, आर्थिक और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में तेजी से हो रहे बदलावों के मद्देनजर नई शिक्षा नीति दुनिया के एक्सीलेंस के मापदंडों के लिहाज से होगी।

देश की नई शिक्षा नीति कैसी हो? उसकी दशा और दिशा तय करने के लिए सरकार ने शिक्षा आयोग का गठन कर दिया है। केंद्रीय मंत्रिमंडल में बीते दिनों हुए फेरबदल में मानव संसाधन विकास मंत्रलय का प्रभार कपिल सिब्बल से भले ही छिन गया हो, लेकिन फेरबदल से पहले इस आयोग के गठन पर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की मुहर लगवाने में वह कामयाब रहे। नेशनल रिसर्च प्रोफेसर आंद्रे ब्रेते 15 सदस्यीय इस आयोग के चेयरमैन होंगे। आयोग दो साल के भीतर अपनी रिपोर्ट सरकार को देगा। इससे पहले 1966, 1986 और 1992 में राष्ट्रीय शिक्षा नीति में बदलाव किया गया था। सूत्रों के मुताबिक नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति कई बदलावों को अंजाम देगी। मौजूदा जरूरतों और वैश्विक चुनौतियों के लिहाज से शिक्षा नीति बनाने के क्रम में समावेशी के साथ ही गुणवत्ता में तेजी से सुधार के उपायों पर फोकस होगा। आयोग अनुसूचित जाति, जनजाति, पिछड़े, अल्पसंख्यकों और लड़कियों की शिक्षा की रफ्तार बढ़ाने की राह भी सुझाएगा।

इतना ही नहीं, विकेंद्रीकरण के मद्देजर संवैधानिक प्रावधानों के तहत प्राइमरी, माध्यमिक, व्यावसायिक शिक्षा और साक्षरता केंद्रों को चलाने में शहरी निकायों व पंचायती राज संस्थाओं की भूमिका फिर से तय की जाएगी। नैतिक व संवैधानिक मूल्य शिक्षा का अभिन्न हिस्सा कैसे बने? आयोग उसका उपाय तो सुझाएगा ही, साथ ही उच्च शिक्षा में जवाबदेही के साथ स्वायत्तता को बढ़ावा देने के नीतिगत व वैधानिक रास्ते भी बताएगा। विश्वविद्यालयों से कॉलेजों की संबद्धता के पुराने ढांचे में बदलाव भी होगा। नई नीति में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कामगारों को रोजगार पर खास फोकस के मद्देनजर स्कूली शिक्षा को उच्च शिक्षा से जोड़ने, प्रोफेशनल एजुकेशन, वोकेशनल (व्यावसायिक) शिक्षा, स्किल डेवलपमेंट और विश्वविद्यालयी शिक्षा में तारतम्य स्थापित करने पर जोर होगा।

Source - Jagran
6-11-2012

Monday 5 November 2012

Wait for VBTC

So here is the reason for delay in Vishist BTC

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Sunday 4 November 2012

BTC 2010


BTC/UPTET : परीक्षा परिणाम घोषित करने की उठी आवाज


मऊ : बीटीसी 2010 बैच की परीक्षा का परिणाम घोषित करने को लेकर डायट के प्रशिक्षणार्थियों ने गुरुवार को कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन किया। इस दौरान जिलाधिकारी को पत्रक सौंपकर 12 नवंबर तक परीक्षा परिणाम घोषित करने की मांग की। उन्हें इस दिशा में सार्थक कदम उठाने का आश्वासन मिला।

बीटीसी अंतिम सेमेस्टर के प्रशिक्षु विनय सिंह व अमित सिंह ने बताया कि शिक्षा विभाग द्वारा सहायक अध्यापक की नियुक्ति हेतु विज्ञापन प्रकाशित किया गया है। बीटीसी 2010 का परीक्षा परिणाम न आने की स्थिति में विज्ञापित 9600 पदों में आधे से अधिक पद रिक्त रहने की संभावना है। वे प्रशिक्षण पूरा करने के साथ अध्यापक पात्रता परीक्षा भी उत्तीर्ण कर चुके हैं। परीक्षा परिणाम 12 नवंबर तक आ जाता है तो वे भी इस नियुक्ति के लिए पात्र होते। इसलिए परिणाम घोषित किया जाय अन्यथा नियुक्ति हेतु विज्ञापन की तिथि बढ़ाई जाय। ज्ञापन सौंपने वालों में रश्मि राय, पूजा शाही, नूसरत जहां, वंदना विश्वकर्मा, पूनम मौर्या, अनीता यादव, रेखा सिंह, इंद्रजीत, मनोज, रजनीकांत, अरूण मौर्य, सतेंद्र, जितेंद्र, धीरज मौर्य आदि शामिल थे


News Source : Jagran 


ऑन लाइन आवेदन की तिथि बढ़ाने की मांग
इलाहाबाद। बीटीसी 2010 बैच के प्रशिक्षुओं ने उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद की ओर से संचालित विद्यालयों में खाली शिक्षकों के पदों पर भर्ती के लिए ऑनलाइन आवेदन की तिथि 20 नवंबर से आगे बढ़ाने की मांग की है। बीटीसी 2010 के प्रशिक्षुओं का कहना है कि उनका परीक्षा परिणाम लंबित होने के कारण आवेदन भर्ती प्रक्रिया वह वंचित हो जाएंगे। ऐसे में प्रदेश सरकार बीटीसी 2010 का रिजल्ट जारी होने तक आवेदन की तिथि बढ़ाए।

VBTC Selection Procedure



UPTET - बीएड डिग्रीधारक बनेंगे प्रशिक्षु शिक्षक

जागरण ब्यूरो, लखनऊ : बेसिक शिक्षा परिषद के संचालित प्राथमिक स्कूलों में शिक्षकों के 72,825 रिक्त पदों पर अध्यापक पात्रता परीक्षा (टीईटी) उत्तीर्ण बीएड डिग्रीधारकों को चयन के बाद पहले प्रशिक्षु शिक्षक नियुक्त किया जाएगा। प्रशिक्षु शिक्षक के रूप में उन्हें 7300 रुपये प्रति माह मानदेय दिया जाएगा। राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) की मंशा के अनुसार प्रशिक्षु शिक्षक जैसे प्रारंभिक शिक्षा शास्त्र में छह महीने की ट्रेनिंग पूरी करते जाएंगे, वैसे-वैसे उन्हें स्थायी शिक्षक की मौलिक नियुक्ति दी जाती रहेगी। मौलिक नियुक्ति होने पर उन्हें स्थायी शिक्षक का वेतनमान मिलने लगेगा।
बेसिक शिक्षा मंत्री राम गोविंद चौधरी की अध्यक्षता में गुरुवार को विभाग के आला अधिकारियों की बैठक में इस पर सहमति बनी। प्रदेश में पहली बार प्रस्तावित इस व्यवस्था को अमली जामा पहनाने के लिए उप्र बेसिक शिक्षा (अध्यापक) सेवा नियमावली, 1981 में संशोधन करके परिषदीय स्कूलों में प्रशिक्षु शिक्षक नियुक्त करने और ट्रेनिंग के बाद उन्हें मौलिक नियुक्ति देने का प्राविधान जोड़ा जाएगा। यह भी तय हुआ है कि टीईटी उत्तीर्ण बीएड डिग्रीधारकों का प्रशिक्षु शिक्षक के तौर पर चयन करने के लिए अभ्यर्थियों के हाईस्कूल के प्राप्तांक प्रतिशत के 10, इंटरमीडिएट के 20, स्नातक के 40 व बीएड के 30 प्रतिशत अंकों को जोड़कर मेरिट तैयार की जाएगी। इसके आधार पर ही चयनित अभ्यर्थियों की ट्रेनिंग का क्रम तय किया जाएगा। बेसिक शिक्षा विभाग की मंशा है कि इस व्यवस्था को लागू करने के लिए उप्र बेसिक शिक्षा (अध्यापक) सेवा नियमावली में नवंबर के अंत तक संशोधन किया जाए। फिर दिसंबर से टीईटी उत्तीर्ण बीएड डिग्रीधारक अभ्यर्थियों से ऑनलाइन आवेदन आमंत्रित किये जाएंगे। इससे पहले यह तय हुआ था कि 72,825 पदों पर भर्ती के लिए टीईटी उत्तीर्ण बीएड डिग्रीधारकों का मेरिट के आधार पर चयन कर पहले उन्हें छह महीने का विशिष्ट बीटीसी प्रशिक्षण दिया जाएगा। विशिष्ट बीटीसी प्रशिक्षण पूरा करने के बाद उन्हें नियुक्ति दी जाएगी। यह भी तय हुआ था कि चयन की जो मेरिट बनेगी उसमें अभ्यर्थियों द्वारा हाईस्कूल में प्राप्तांक प्रतिशत के 10, इंटरमीडिएट के 20 व स्नातक के 40 प्रतिशत अंकों को जोड़ा जाएगा। इसके अलावा, यदि अभ्यर्थी को बीएडके थ्योरी और प्रैक्टिकल में प्रथम श्रेणी प्राप्त हुई है तो उसे प्रत्येक के लिए 12-12, द्वितीय श्रेणी के लिए 6-6 और तृतीय श्रेणी के लिए 3-3 अंक मिलेंगे। मेरिट निर्धारण में बीएड के अंकों को लेकर सवाल उठाये जा रहे थे। कहा जा रहा था कि श्रेणियों के आधार पर मनमाने तरीके से अंक तय करना उचित नहीं है।
विभाग को शिक्षकों की भर्ती में नयी व्यवस्था लागू करने के बारे में इसलिए सोचना पड़ा क्योंकि एनसीटीई ने बीएड डिग्रीधारकों को शिक्षक नियुक्त करने के लिए 31 मार्च 2014 तक का समय दिया है। यदि अभ्यर्थियों का पहले विशिष्ट बीटीसी ट्रेनिंग के लिए चयन करने के बाद उन्हें नियुक्ति दी जाती तो प्रदेश में एक बैच में अधिकतम 20,000 अभ्यर्थियों को ही ट्रेनिंग देने की क्षमता है। चार बैच को ट्रेनिंग देने में कम से कम दो वर्ष का समय लगता और तब तक स्वीकृत समयसीमा बीत जाती। समय बीतने के बाद शिक्षकों की नियुक्ति नहीं हो पाती। दूसरा, जो नयी व्यवस्था सोची गई है, उसमें मेरिट निर्धारण में बीएड के अंकों को लेकर उठायी जा रही आपत्ति भी दूर हो सकेगी।

Source - Jagran
2-11-2012

Selection Procedure for VBTC in UP


UPTET - बेसिक शिक्षा मंत्री की अगुवाई में निर्णय, अब प्राइमरी शिक्षकों की होगी सीधी भर्ती

अमर उजाला ब्यूरो
लखनऊ। बेसिक शिक्षा परिषद के प्राइमरी स्कूलों में शिक्षकों की अब सीधी भर्ती की जाएगी इसलिए विशिष्ट बीटीसी चयन प्रक्रिया 2012 स्थगित कर दी गई है। अब इसके लिए अध्यापक सेवा नियमावली के नियम 14 में शिक्षकों की सीधी भर्ती का प्रावधान किया जाएगा। बेसिक शिक्षा मंत्री रामगोविंद चौधरी की अध्यक्षता में बृहस्पतिवार को हुई बैठक में यह निर्णय किया गया। राज्य सरकार के इस निर्णय के बाद प्राइमरी स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया फिलहाल कुछ माह के लिए लटक सकती है।
बैठक में तय किया गया कि विशिष्ट बीटीसी के स्थान पर पहले टीईटी पास बीएड डिग्रीधारकों प्रशिक्षु शिक्षक रखा जाएगा। इसके लिए गुणांक के आधार पर मेरिट का निर्धारण करते हुए प्रशिक्षु शिक्षकों का चयन किया जाएगा। इसमें हाईस्कूल का 10 प्रतिशत, इंटरमीडिएट का 20, स्नातक 40 और बीएड का 30 प्रतिशत अंक जोड़ते हुए मेरिट बनाई जाएगी। चयनित प्रशिक्षु शिक्षकों को बाद में छह माह की विशिष्ट बीटीसी की ट्रेनिंग लेनी होगी। ट्रेंड शिक्षक होने से पहले उन्हें 7300 रुपये प्रति माह मानदेय दिया जाएगा। प्रशिक्षु शिक्षकों को नियुक्ति देने से पहले अध्यापक सेवा नियमावली के नियम- 14 में इसका प्रावधान किया जाएगा। इसके लिए बेसिक शिक्षा निदेशालय से नवंबर में प्रस्ताव प्राप्त कर दिसंबर में ऑनलाइन आवेदन लेने पर सहमति बनी है। शिक्षा का अधिकार अधिनियम लागू होने के साथ राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) ने देश के सभी राज्यों को बीएड डिग्रीधारकों को सहायक अध्यापक पद पर सीधी भर्ती की अनुमति दी थी। इसके लिए शर्त रखी गई कि शिक्षकों की भर्ती 1 जनवरी 2012 तक की जाएगी और इसके लिए टीईटी पास ही पात्र होंगे। यूपी में 72 हजार 825 शिक्षकों की भर्ती के लिए नवंबर 2011 में प्रक्रिया शुरू हुई, लेकिन टीईटी में गड़बड़ी के चलते भर्ती प्रक्रिया पूरी नहीं हो सकी
Source - Amar Ujala
2-11-2012

BTC 2010 Joining and TET


Basic Teaching Certificate training of 2010 batch of Uttar Pradesh has entered a crucial stage. In a few days it will become clear whether they are joining this month or have to wait more. As the practical exams of fourth semester of btc2010 batch are over they are eagerly waiting for the results. But some reports in newspapers say that many DIETs have not yet sent the marks list of practical exam without which it is impossible to get the result.

On the other hand notification for btc candidates has arrived long back and last date for registration is 10 November 2012. Now if their results are out before this date then probably they can also apply for the same process of joining but resources say that its difficult to announce the results in first week of November. This news is creating wrinkles of worries on the heads of candidates. Now it has become a time game because a delay of one or two days will change the fate of these candidates. There are many holidays in first and second week of November which has made the situation more complex because it will slow down the process of result declaration.
Only those candidates can apply in this recruitment process who have qualified UPTET/CTET exam and have valid score card. CTET is conducted by CBSE two times in a year for primary and upper primary level. But for these vacancies candidates need to have passed primary level exam. UPTET has been conducted only once till now and the next one is supposed to be in 2013.
Candidates can download notification and can register for joining on the official website of UP Education Board given below-
wishing best of luck to btc2010 batch candidates.

Please post your comments and your queries if any. They will be answered as soon as possible.